Tuesday, 18 August 2020

उव्वसग्गहरम पासम जैन स्तोत्र

उव्वसग्गहरम पासम स्तोत्र जैन भाषा मे है।

महदांश वह जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथजी के लिये प्रेरित है।

जैन धर्म को कोंग्रेस ने सन 2013-14 में लघुमती में डाला उसके बाद पटेल के लिए माइनॉरिटी की मुहिम में हार्दिक को ओर साथी लोग को राष्ट्र द्रोह का मुकदमा सहन करना पड़ा। वह अलग बात है।

जैन धर्म मे हिंसा का प्रावधान नही है।

फिरभी पार्श्वनाथ की तीर्थंकरों में गिनती नाम रूपसे महत्वपूर्ण भूमिका में है।

संस्कृत में पार्श्व का मतलब होता है पिछेका/पीछेकी/पिछला वगेरा। मतलब वर्तमान को अपनी पीछे की कोई बात प्रश्न अगर करती हो तो उसका निवारण पार्श्वनाथ जी को प्रार्थना करके, मतलब तलवार का प्रहार सुई से टाल सकने की सामर्थ्यवान परम् महासत्ता को याचन करना है।

नाथ मतलब आरूढ़ होना या किसीके ऊपर अधिपत्य स्थापित करना। अगर स्त्री है तो उसके पति जैसा शब्दार्थ होता है।

जो सामर्थ्यवान परम सत्ता है, उसे अभ्यर्थना, की वह हमारे वर्त्तमान को परेशान न करते हुए सिर्फ पीछे की जोभी बुरी बात हो उसे लय प्रधान प्रकृति से स्वच्छ हमे रखे।

जय गुरुदेव दत्तात्रेय।

जय हिन्द।

जिगर महेता / जैगीष्य

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