Friday 1 April 2022

रसना च मम मन: विचार

वृक्षस्य पान नास्ति लभ्येत सन १९९० शरबत वस्तूये तत वर्षेण मुखपृष्ठया चित्रे। क्वचित् द्वि पत्रये स्थानीय चित्ते विषाद निश्पन्नित क्रियते। अपि समय च विस्मय नास्ति मामका मनये असमयी क्षेत्रे।
यदा कदा पिरुझ मस्तिष्कस्य logo विनिमय वार्ता दिल्हि स्थित दूरभाष यन्त्रे मम क्रियात्, तत् पश्चात् मम कार्यालय गतिकार्य स्थगित क्रियायाम च उद्भवामि रसना संस्थाने च जीवन क्षेत्रे।
ततपश्चात उचित च जरूरी अर्थिकोपार्जन क्रिया क्षुब्ध्य। असमयजगत मुुद्रायै अगोचर क्रियात, अहम, अगम निगम च आध्यात्मिक स्पंदन अनुभवामी, मामका शरीर च मम मन: मगज: च मस्तिष्कम क्षेत्र सिमा अंकने।
जयतु भारतम 

आशा सह:
जय गुरुदेव दत्तात्रेय
जय हिंद
जिगरम आलुभाण


Why company need to change its logo at several time... it is most biggest question for such those people, who are really thinking on spiritual BASED power ...